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राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार PDF

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राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार PDF
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार PDF

Rajasthan ki Sthiti aur Vistar PDF in Hindi – यहां पर आपको राजस्थान सामान्य ज्ञान के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है, आप इस पोस्ट को पढ़कर राजस्थान सामान्य ज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है। यहां पर आपको राजस्थान सामान्य ज्ञान के सभी महत्वपूर्ण नोट्स एवं पीडीएफ मिलने वाली है, इसलिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें एवं इस महत्वपूर्ण पीडीऍफ़ को डाउनलोड जरूर करें।

राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार के फैक्ट्स

Rajasthan ki Sthiti aur Vistar in Hindi: यहां पर राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार के महत्वपूर्ण बिंदु जो इस PDF में शामिल किये गये है, के बारे में लिखा जा रहा है। यहां पर इस विषय के समस्त महत्वपूर्ण पॉइंट्स दिए गए है, मुझे उम्मीद है कि इन सभी को पढ़ने के बाद आप इस विषय के बारे में काफी कुछ पढ़ लेंगे। तो चलिए ये रहे आपके इस विषय के पॉइंट्स:-

राजस्थान की स्थिति एवं विस्तार

  • उत्तर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुण्ड गाँव (कुशलगढ़ तहसील, बाँसवाडा) तक राजस्थान का विस्तार 826 किलोमीटर है। राजस्थान की पश्चिम से पूर्व की लम्बाई 869 किलोमीटर (पश्चिम में कटरा गाँव (जैसलमेर तक) से पूर्व में सिलान गाँव (राजाखेड़ा तहसील, धौलपुर) तक, है।
  • कर्क रेखा (साढ़े तेईस डिग्री उत्तरी अक्षांश) राजस्थान के डूंगरपुर जिले के दक्षिण से तथा बाँसवाड़ा जिले के लगभग मध्य में से गुजरती है।
  • कर्क रेखा का राजस्थान में विस्तार 26 किमी है।
  • कर्क रेखा के सर्वाधिक नजदीक मुख्यालय बाँसवाड़ा एवं सर्वाधिक दूर जिला मुख्यालय श्रीगंगानगर है।
  • भारत क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है और राजस्थान क्षेत्रफल के आधार पर इस देश का सबसे बड़ा राज्य है जो भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित है।
  • राजस्थान का अक्षांशीय व देशांतरीय विस्तार 23° 03‘ उत्तरी अंक्षाश से 30° 12‘ उत्तरी अंक्षाश एवं 69° 30‘ पूर्वी देशान्तर से 78° 17‘ पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है अर्थात् राजस्थान राज्य 7°09‘ अक्षांशों एवं 8° 47‘ देशांतरों के मध्य स्थित है।
  • राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है और भारत के 10.41 प्रतिशत भाग पर फैला हुआ है।
  • राजस्थान की उत्तर पश्चिम से दक्षिण पूर्व की लम्बाई 850 किलोमीटर तथा उत्तर पूर्व से दक्षिण पूर्व तक के विकर्ण की लंबाई 784 किलोमीटर है।
  • राजस्थान की उत्तर से दक्षिण व पूर्व से पश्चिम की सीमा मिलाने पर नागौर जिले का मूंडवा स्थान दोनों तरफ से आता है।

राजस्थान की सीमाएं

  • अंतर्राज्यीय सीमाओं में राजस्थान की सर्वाधिक लंबी अंतर्राज्यीय सीमा मध्य प्रदेश (1600 किलोमीटर) से लगती है तथा सबसे कम अंतर्राज्यीय सीमा पंजाब (89 किलोमीटर) राज्य से लगती है।
  • उदयपुर गुजरात के साथ सर्वाधिक सीमा
  • गंगानगर बीकानेर जैसलमेर बाड़मेर की सीमा पाकिस्तान को स्पर्श करती है।
  • जयपुर हरियाणा के साथ न्यूनतम सीमा
  • झालावाड मध्य प्रदेश के साथ सर्वाधिक सीमा
  • झालावाड़ सर्वाधिक अंतर राज्य सीमा रेखा वाला जिला
  • धौलपुर उत्तर प्रदेश के साथ न्यूनतम सीमा
  • पाकिस्तान से लगने वाली सर्वाधिक लंबी सीमा जैसलमेर की है और सबसे छोटी सीमा बीकानेर जिले की है।
  • बाड़मेर गुजरात के साथ न्यूनतम सीमा
  • बाड़मेर न्यूनतम अंतर राज्य सीमा रेखा वाला जिला
  • भरतपुर उत्तर प्रदेश के साथ सर्वाधिक सीमा
  • भीलवाड़ा मध्य प्रदेश के साथ न्यूनतम सीमा
  • राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा 4850 किमी है।
  • राजस्थान की उत्तर और उत्तर पूर्वी सीमा पंजाब तथा हरियाणा से पूर्वी सीमा उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश से दक्षिणी पूर्वी सीमा मध्य प्रदेश से तथा दक्षिणी और दक्षिणी पश्चिमी सीमा क्रमशः मध्य प्रदेश तथा गुजरात से संयुक्त रूप से लगती है।
  • राजस्थान की कुल स्थलीय सीमा 5920 किमी है जिसमें से 1070 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा जिसे रेडक्लिफ रेखा कहा जाता है।
  • राज्य की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से लगी हुई है।
  • रेडक्लिफ रेखा अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा उत्तर में श्री गंगानगर जिले के हिंदूमलकोट से प्रारंभ होकर दक्षिण में बाड़मेर जिले के शाहगढ़ बाखासर गांव में समाप्त होती है।
  • रेडक्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के मध्य है।
  • श्री गंगानगर पंजाब के साथ सर्वाधिक सीमा
  • हनुमानगढ़ पंजाब के साथ न्यूनतम सीमा
  • हनुमानगढ़ हरियाणा के साथ सर्वाधिक सीमा

राजस्थान के प्रमुख संभाग एवं उनमे जिले

संभागजिले
सीकरसीकर, झुंझुनू, नीम का थाना, चूरू
पालीपाली, जालौर, सांचौर, सिरोही
बांसवाड़ाबांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़
जयपुरजयपुर, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, दौसा, खैरथल, अलवर, जयपुर ग्रामीण
बीकानेरबीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़
अजमेरअजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, नागौर, डीडवाना-कुचामन, शाहपुरा
भरतपुरभरतपुर, धौलपुर, करौली, डीग, गंगापुरसिटी, सवाई माधोपुर
कोटाकोटा, बूंदी, बांरा, झालावाड़
जोधपुरजोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर ग्रामीण
उदयपुरउदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, सलूंबर

राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र के उपनाम

अरावली – आडवाल।

कांठल – माही नदी के किनारे-किनारे (कंठा) प्रतापगढ़ का भू-भाग कांठल है इसलिए माही नदी को कांठल की गंगा कहते है।

कुरू – अलवर का कुछ हिस्सा।

कूबड़ पट्टी – अजमेर, नागौर के आस-पास का क्षेत्र  जहाँ जल में फ्लोराइड़ कि मात्रा अधिक होती है। जिससे शारीरिक विकृति(कूबड़) होने की सम्भावना हो जाती है।

कोठी – धौलपुर (सुनहरी कोठी-टोंक)।

खेराड़ – भीलवाड़ा व टोंक का वो क्षेत्र जो बनास बेसिन में स्थित है।

गिरवा – उदयपुर में चारों ओर पहाड़ियाँ होने के कारण उदयपुर की आकृति एक तश्तरीनुमा बेसिन जैसी है जिसे स्थानीय भाषा में गिरवा कहते है।

गूजर्राजा – जोधपुर का दक्षिण का भाग।

गोडवाड – बाड़मेर, जालौर सिरोही।

चन्द्रावती – सिरोही व आबु का क्षेत्र।

छप्पन का मैदान – बासवाडा व प्रतापगढ़ के मध्य का भू-भाग छप्पन का मैदान कहलाता है। यह मैदान माही नदी बनाती है। (56 गावों का समूह या 56 नालों का समूह)

जांगल प्रदेश – बीकानेर तथा उत्तरी जोधपुर।

ढूढ़ाड़ – जयपुर के आस-पास का क्षेत्र।

देवल/ मेवल – डूंगरपुर व बांसवाड़ा के मध्य का भाग।

देशहरो – उदयपुर में जरगा (उदयपुर) व रागा (सिरोही) पहाड़ीयों के बीच का क्षेत्र सदा हरा भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है।

धरियन – जैसलमेर जिले का बालुका स्तुप युक्त क्षेत्र जहाँ जनसंख्या ‘न’ के बराबर है धरियन कहलाता है।

नाकोड़ा पर्वत/छप्पन की पहाड़ियाँ – बाडमेर के सिवाणा ग्रेनाइट पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ियों का समुह नाकोड़ा पर्वत/छप्पन की पहाड़ियाँ कहलाती है।

नाल – अरावली के दर्रों को नाल कहा जाता है।

पीडमांट मैदान – अरावली श्रेणी में देवगढ़ (राजसमंद) के समीप पृथक निर्जन पहाड़ियां जिनके उच्च भू-भाग टीले नुमा है पीडमांट कहलाते हैं।

पुष्प क्षेत्र – डुंगरपुर व बांसवाड़ा संयुक्त रूप से पुष्प क्षेत्र कहलाता है।

बग्गी – घग्घर नदी के उत्तरी उपजाऊ क्षेत्र को बग्गी कहा जाता है।

बांगड़/बांगर – शेखावाटी व मरूप्रदेश के मध्य संकरी पेटी।

बीहड़/डाग/खादर – चम्बल नदी सवाई माधोपुर करौली धौलपुर में बडे़-बडे़ गड्डों का निर्माण करती है इन गड्डों को बीहड़/डाग/खादर नाम से पुकारा जाता है। यह क्षेत्र डाकुओं की शरणस्थली के नाम से जाना जाता है।

भाखर/भाकर – पूर्वी सिरोही क्षेत्र में अरावली की तीव्र ढाल वाली ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों का क्षेत्र भाकर/भाखर कहलाता है।

भोमट – डुंगरपुर, पूर्वी सिरोही व उदयपुर जिले का आदिवासी प्रदेश।

भोराठ/भोराट का पठार – उदयपुर के कुम्भलगढ व गोगुन्दा के मध्य का पठारी भाग।

मगरा – उदयपुर का उत्तरी पश्चिमी पर्वतीय भाग मगरा कहलाता है।

माल खेराड़ – ऊपरमाल व खेराड़ क्षेत्र सयुंक्त रूप में माल खेराड़ कहलाता है।

माल/वल्ल – जैसलमेर।

मालवा का क्षेत्र – झालावाड़ व प्रतापगढ़ संयुक्त रूप से मालवा का क्षेत्र कहलाता है।

मालानी – जालौर ओर बालोतरा के मध्य का भाग।

मेवात – उत्तरी अलवर।

योद्धेय – गंगानगर व हनुमानगढ़।

राठ – अलवर व भरतपुर का वो क्षेत्र जो हरियाणा की सीमा से लगता है राठ कहते है।

लाठी सीरीज क्षेत्र – जैसलमेर में पोकरण से मोहनगढ़ तक  (60किलोमीटर) पाकिस्तानी सीमा के सहारे विस्तृत एक भू-गर्भीय मीठे जल की पेटी। इसी लाठी सीरीज के ऊपर सेवण घास उगती है।

लासड़िया का पठार – उदयपुर में जयसमंद से आगे कटा-फटा पठारी भाग।

लिटिल रण – राजस्थान में कच्छ की खाड़ी के क्षेत्र को लिटिल रण कहते है।

वागड़ – डूंगरपुर व बांसवाड़ा।

शिवि/मेदपाट/प्राग्वाट – उदयपुर व चित्तौड़गढ़(मेवाड़)।

शूरसेन – भरतपुर, धौलपुर, करौली।

शेखावाटी – चुरू, सीकर झुंझुंनू।

सुजला क्षेत्र – सीकर, चुरू व नागौर सयुंक्त रूप से सुजला क्षेत्र कहलाता है।

राजस्थान की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार PDF Download

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