black likes blonde milf.great post to read https://xxxbest.net doctor fuck patient. beautiful doll is delighting her pierced fur pie with fingering. moonlightsex.pro www.letmefap.net

राजस्थान का सामान्य परिचय (Basic Introduction of Rajasthan)

78
Telegram GroupJoin Now

राजस्थान का सामान्य परिचय (Basic Introduction of Rajasthan): सांस्कृतिक संपदा की दृष्टि से संपन्न व समृद्ध भक्ति और सूर्य का संगम स्थल तथा साहित्य संस्कृति एवं कला की त्रिवेणी राजस्थान हमारे देश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है यह राज्य मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य बना है. राजस्थान देश के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है यहां का संस्कृत विभव एक निराला है. राजस्थान की भूमि को देखने से प्रतीत होता है कि साहसी वीर गौरव में ही संस्कृति तथा त्याग एवं बलिदान की प्रतिमूर्ति नारियों शौर्य एवं उदारता आदि भावनाओं का सर्वाधिक संचार इसी भूमि पर हुआ हो.

राजस्थान से होकर अरावली पर्वतमाला गुजरती है यह पर्वतमाला राजस्थान के लगभग मध्य से होकर निकलती है और राजस्थान को दो जलवायु भागों में विभक्त करती है इसे राजस्थान की रीड की हड्डी भी कहा जाता है इससे प्रवाहित होने वाली अनेक महत्वपूर्ण नदियां जिनके नाम कुछ इस प्रकार है बनास बीड्स बैंग गंगा काली सिंध मीनल लूणी इत्यादि यह एक प्रागैतिहासिक काल से लेकर आज तक कई मानव सभ्यताओं के उत्थान एवं पाटन की साक्षी रही है.

Rajasthan GK : राजस्थान की भूमि में पुरापाषाण युग उत्तर पाषाण युग में कहां से युगीन सिंधु सभ्यता की मानव बस्तियां प्राचीनतम ताम्र युगीन मानव सभ्यता एवं अन्य वैदिक सभ्यताएं भी विकसित हुई है जो किसी प्राकृतिक आपदा के कारण गर्भ में विलीन हो गई थी जिनके अवशेष उत्खनन से प्राप्त हुए हैं. यहां की शौर्य गाता है वीरों के पराक्रम के महत्वपूर्ण किस लोग धार्मिक कलाओं की समृद्ध एवं विराट विरासत सदियों से तपस्वी मनस्वी की तरह रहित की चादर ओढ़ निस्वार्थ भाव से भारत माता की सांस्कृतिक विरासत को अपना सब कुछ निवासागर करती रही है और इसे विश्व में और समृद्ध बनाकर इसकी पहचान को और मजबूत करती रही है.

राजस्थान का सामान्य परिचय (Basic Introduction of Rajasthan)
राजस्थान का सामान्य परिचय (Basic Introduction of Rajasthan)

राजस्थान के विभिन्न नाम

राजस्थान प्रदेश विश्व भर में बहुत ही विख्यात हैं यह प्रदेश मारू प्रधान प्रदेश हैं समय-समय पर इसको अलग-अलग नाम से जाना जाता रहा है. महर्षि वाल्मीकि ने राजस्थान वाले इस भूभाग को प्राचीन काल में मरुकांतार शब्द के नाम से पुकारा है. राजस्थान शब्द का प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी आदित्य बसंतगढ़ सिरोही के शिलालेख में हुआ है यह शिलालेख विक्रम संवत 682 में उत्कीर्ण किया गया। इस भूभाग के लिए के लिए बाद में मुहणोत नैंसी रिख्यात एवं राज रूपक नमक ग्रंथों में राजस्थान शब्द का प्रयोग हुआ है।

राजस्थानी भूभाग में छठे शताब्दी में राजपूत शासको ने अलग-अलग रियासतें कायम कर अपना अलग-अलग शासन स्थापित किया था। यहां पर शासको का क्रम देखे तो विभिन्न रियासतों में जैसे कि मेवाड़ के गुहिल मारवाड़ के राठौर धूंधड़ के कस्बा अजमेर के चौहान आदि प्रसिद्ध राजपूत वंश थे। इस भूभाग में राजपूत राज्यों की प्रधानता के कारण कालांतर में इस इस राजपूताना कहा जाना लगा।

राजस्थान के इस भूभाग के लिए राजपूताना शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1800 ईस्वी में जोड़ थॉमस द्वारा किया गया। कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक पश्चिमी एवं मध्य भारत के राजपूत राज्यों के पोलिटिकल एजेंट में इस प्रदेश के लिए रायथान शब्द का प्रयोग किया क्योंकि उसे समय स्थानीय बोलचाल की भाषा में राजाओं के निवास के प्रांत को रायथान कहा जाता था। ब्रिटिश काल में इस भूभाग को राजपूताना अथवा राजवाड़ा तथा अजमेर मेरवाड़ा के नाम से पुकारा जाता था। अजमेर मेरवाड़ा क्षेत्र अजमेर व उसके आसपास की भूभाग को कहा जाता था। राजस्थान के इस भौगोलिक क्षेत्र के लिए राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग कर्नल जेम्स टॉड ने राजस्थान के इतिहास पर 1829 में लंदन में प्रकाशित अपनी पुस्तक ” एनलस एंड एंटीक्विटीज of राजस्थान” इसी का दूसरा नाम है सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेटस ऑफ इंडिया में उल्लेख किया था।

स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात राजस्थान के पुनर्गठन की प्रक्रिया के दौरान राजस्थान का नामांकरण अलग-अलग प्रक्रिया के पश्चात 26 जनवरी 1950 को औपचारिक रूप से राजस्थान स्वीकार किया गया। स्वतंत्रता के समय राजस्थान के इस भूभाग में 19 देशी रियासतें तीन ठिकाने तथा एक के कमिश्नर द्वारा प्रकाशित प्रदेश था। तीन ठिकानों की बात करें तो इसमें कुशलगढ़ लव एवं नीमराना ठिकाना शामिल था। चीफ कमिश्नर द्वारा प्रशासित क्षेत्र अजमेर मेरवाड़ा प्रदेश में शामिल था। स्वतंत्रता के बाद 1950 तक अजमेर मेरवाड़ा को छोड़कर सभी क्षेत्र राजस्थान में शामिल कर दिया गया था उसे समय अजमेर मेरवाड़ा के प्रथम एवं एकमात्र मुख्यमंत्री श्री हरि भाव उपाध्याय थे। एकीकरण की प्रक्रिया के पश्चात राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंबर 1956 को आया था।

राजस्थान के प्रमुख राजवंश एवं उनके राज्य

  • प्रतिहार राजवंश – राजस्थान में प्रत्यय राजवंश का शासन मंडोर, भीनमाल, जालौर, गुर्जरात्रा इत्यादि रियासत ठिकानों में देखने को मिला है।
  • गोहिल राजवंश – राजस्थान में गोहिल राजवंश का शासन मेवाड़ बांसवाड़ा डूंगरपुर उदयपुर एवं चित्तौड़गढ़ रियासतों में देखने को मिला है।
  • कच्छवाहा राजवंश – कच्छवाहा राजवंश का शासन राजस्थान के अजमेर एवं अलवर रियासत में रहा था।
  • सिसोदिया राजवंश – सिसोदिया राजवंश का शासन उदयपुर चित्तौड़गढ़ शाहपुरा डूंगरपुर प्रतापगढ़ एवं बांसवाडा रियासतों में रहा था।
  • चौहान राजवंश – चौहान राजवंश का शासन राजस्थान की अधिकतम रियासतों में देखने को रहा है। चौहान राजवंश का शासन राजस्थान की अजमेर जालौर सिवान बूंदी कोटा सिरोही रणथंबोर गागरोन नाडोल रियासतों में रहा था।
  • राठौर राजवंश – राठौर राजवंश का शासन जोधपुर किशनगढ़ एवं बीकानेर रियासत में था।
  • परमार राजवंश – परमार राजवंश का शासन किराडू मालवा अबू बगड़ एवं जालौर में था।
  • यादव राजवंश – यादव राजवंश का शासन करौली जैसलमेर एवं हनुमानगढ़ में था.
  • भाटी राजवंश – भाटी राजवंश का शासन जैसलमेर एवं हनुमानगढ़ में था।
  • झाला राजवंश – इस राजवंश का शासन केवल झालावाड़ में रहा था।
  • जाट राजवंश – जाट राजवंश भरतपुर एवं धौलपुर रियासत में शासन किया था।
  • मुस्लिम – केवल मात्र टोंक रियासत ऐसी रियासत थी जिसमें मुस्लिम शासक ने शासन किया था।

राजस्थान के विभिन्न इकाइयों के प्राचीन प्रचलित नाम

  • जंगल प्रदेश – बीकानेर और जोधपुर का उत्तरी भाग सम्मिलित रूप से जंगल प्रदेश कहलाता है।
  • योद्धेय प्रदेश – हनुमानगढ़ और गंगानगर के आसपास का प्रदेश योद्धेय प्रदेश कहलाता है।
  • ऊपर माल – भीलवाड़ा चित्तौड़गढ़ का पठारी भाग जो ऊपर माल के पत्थर के नाम से जाना जाता है।
  • शूरसेन – भरतपुर धौलपुर एवं करौली का भूभाग शूरसेन के नाम से जाना जाता है
  • गिरवा – उदयपुर एवं आसपास की पहाड़ियों से गिरा हुआ क्षेत्र गिरवा कहलाता है
  • राठ क्षेत्र – अलवर जिले का हरियाणा से लगता हुआ क्षेत्र राठ क्षेत्र कहलाता है
  • गोड़वाड़ क्षेत्र – दक्षिणी पूर्वी बाड़मेर जालौर एवं पश्चिमी सिरोही का क्षेत्र गोड़वाड़ क्षेत्र कहलाता है
  • कांठल एवं देवलिया क्षेत्र – प्रतापगढ़ व उसके आसपास के क्षेत्र को कंठल एवं देवलिया कहा जाता है
  • मत्स्य क्षेत्र – अलवर भरतपुर धौलपुर एवं करौली का क्षेत्र सम्मिलित रूप से मत्स्य क्षेत्र कहलाता है
  • साल्व प्रदेश – अलवर के आसपास का इलाका
  • मालानी – बाड़मेर जालौर का क्षेत्र मालानी कहलाता है
  • मालखेराड़ – भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील व अधिकांश टोंक जिला
  • मेरवाड़ा – अजमेर में राजसमंद जिले का डाइवर्ट क्षेत्र सम्मिलित रूप से मेरवाड़ा कहलाता है
  • ढूंढाड़ क्षेत्र – जयपुर व आसपास का क्षेत्र
  • मांड या वल्ल प्रदेश – जैसलमेर का क्षेत्र
  • बांगड़ – पाली नागौर सीकर व झुंझुनू का कुछ भाग जो लूनी नदी का अवकाश क्षेत्र है बांगड़ कहलाता है
  • वागड़ – डूंगरपुर बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ का क्षेत्र
  • हाडोती – कोटा बूंदी बारां एवं झालावाड़ का क्षेत्र हाडोती कहलाता है
  • भोमट क्षेत्र – डूंगरपुर पूर्वी सिरोही उदयपुर जिले का अरावली पर्वतीय आदिवासी प्रदेश
  • मालव प्रदेश – प्रतापगढ़ एवं झालावाड़ का क्षेत्र मालव प्रदेश कहलाता है
  • डांग क्षेत्र – धौलपुर करौली व सवाई माधोपुर का कुछ क्षेत्र
  • मेवल – डूंगरपुर बांसवाड़ा के मध्य का भाग
  • मेवात – अलवर आसपास का क्षेत्र

राजस्थान के प्रमुख नगरों एवं क्षेत्र के उपनाम

  • कोटा जिले के उपनाम – राजस्थान की औद्योगिक नगरी, राजस्थान का कानपुर, वर्तमान नालंदा, राजस्थान की शैक्षिक नगरी
  • अजमेर जिले के उपनाम – राजस्थान का हृदय, , भारत का मक्का , पवित्र नगरी
  • झालरापाटन के उपनाम – सिटी ऑफ वेल्स/घटिया का शहर
  • माउंट आबू के उपनाम – राजस्थान का शिमला
  • बांसवाड़ा के उपनाम – 100 दीपों का शहर
  • जोधपुर के उपनाम- , थार मरुस्थल का प्रवेश द्वार, सूर्य नगरी, मारू प्रदेश, मारवाड़
  • उदयपुर जिले के उपनाम – राजस्थान का कश्मीर, झीलों की नगरी, फाउंटेन का शहर, पूर्व का वेनिस
  • जालौर के उपनाम – सुवर्ण नगरी, जाबालीपुर, ग्रेनाइट सिटी
  • भरतपुर के उपनाम – राजस्थान का प्रवेश द्वार, राजस्थान का पूर्वी द्वार, लोहागढ़
  • डीग के उपनाम – जल महलों की नगरी
  • सांचौर के उपनाम- राजस्थान का पंजाब
  • चित्तौड़गढ़ के उपनाम- राजस्थान का गौरव
  • जयपुर के उपनाम- पूर्व का पेरिस, गुलाबी नगरी, रतन नगरी, आइसलैंड ऑफ ग्लोरी
  • अलवर के उपनाम – राजस्थान का सिंह द्वारा, पूर्वी राजस्थान का कश्मीर, राजस्थान का स्कॉटलैंड
  • पुष्कर के उपनाम – तीर्थराज, कोकण तीर्थ, पंचम तीर्थ, तीर्थ का मामा, आदि तीर्थ
  • किराडू के उपनाम- राजस्थान का खजुराहो
  • नागौर के उपनाम- राजस्थान की धातु नगरी
  • गंगानगर के उपनाम – राजस्थान का अन्नागार
  • विजय स्तंभ के उपनाम – भारतीय मूर्ति कला का विश्व कोष
  • दिवेर के उपनाम – मेवाड़ का मैराथन
  • रणकपुर के उपनाम – खंभों का नगर
  • हल्दीघाटी – राजस्थान का थर्मोपोली
  • डूंगरपुर – पहाड़ों की नगरी
  • भैंस रोड गढ़ दुर्ग – राजस्थान का वेल्लोर
  • तारागढ़ अजमेर – राजस्थान का जिब्राल्टर
  • जैसलमेर – स्वर्ण नगरी, म्यूजियम सिटी, पीले पत्थरों का शहर, झरोखों एवं हवेलियों का शहर
  • बूंदी के उपनाम – बावड़ियों का शहर, छोटी काशी
  • मचकुंड – तीर्थ का भांजा
  • रावतभाटा – राजस्थान की अनु नगरी
  • तनोट माता – थार की वैष्णो देवी
  • डेढ़ – प्राचीन भारत का टाटानगर
  • बेणेश्वर धाम – आदिवासियों का कुंभ
  • ओसियां – राजस्थान का भुवनेश्वर
  • राजस्थान की मोनालिसा किसे कहा जाता है – बनी ठनी पेंटिंग को
  • बागड़ के गांधी किसे कहा जाता है – भोगीलाल पंड्या को
  • राजस्थान का अबुल फजल किसे कहा जाता है – मुहणोत नेणसी को
  • राजस्थान का नेहरू किसे कहा जाता है – पंडित जुगल किशोर चतुर्वेदी को
  • राजस्थान के गांधी किसे कहा जाता है – गोकुल भाई भट्ट को
  • मारवाड़ का प्रताप किसे कहा जाता है – राव चंद्रसेन को
  • राजस्थान के लोह पुरुष किसे कहा जाता है – दामोदर लाल व्यास को
  • वागड़ की मीरा किसे कहा जाता है – गवरी बाई को
  • राजस्थान की उड़न परी किसे कहा जाता है – हमीदा बानो को
  • राजस्थान का नरसिंह किसे कहा जाता है – भक्त कवि दुर्लभ को
  • राजस्थान की राधा किसे कहा जाता है – मीराबाई को
  • राजस्थान की मरू कोकिला किसे कहा जाता है – अल्लाह जिलाई बाई को
  • डिंगल भाषा का हेरोंस किसे कहा जाता है – पृथ्वीराज राठौड़ को
  • राजपूताने का कारण किसे कहा जाता है- राय सिंह को
  • राजस्थान का हरिद्वार किसे कहा जाता है – मातृकुंडिया चित्तौड़गढ़ को
  • राजस्थान के भागीरथ किसे कहा जाता है – महाराजा गंगा सिंह को
  • घोड़े वाले बाबा किसे कहा जाता है – कर्नल जेम्स टॉड को
  • मेवाड़ के भीष्म पितामह किसे कहा जाता है – कुंवर चूड़ा को
  • आदिवासियों की बाई जी किसे कहा जाता है – मंजू राजपाल को
  • हल्दीघाटी का शहर किसे कहा जाता है – महाराणा प्रताप को
  • राजस्थान की जलपरी कौन है – रीमा दत्ता
  • आधुनिक राजस्थान का निर्माता किसे कहा जाता है – मोहनलाल सुखाड़िया को

राजस्थान सामान्य ज्ञान बेस्ट PDF Download

यहां पर Rajasthan GK in Hindi की पीडीएफ को डाउनलोड करने की लिंक उपलब्ध करवाई गयी है। आप सभी इस पीडीएफ को डाउनलोड करने के लिए यहां नीचे Download Button पर क्लिक करें :-

Download PDF

👇👇👇

राजस्थान सामान्य ज्ञान एवं अन्य जीके की Book (Buy from Amazon)

राजस्थान सामान्य ज्ञान के नोट्स PDF: यहां पर हम आपको Rajasthan GK के महत्वपूर्ण नोट्स को डाउनलोड करने एवं इसको अमेज़न से घर बैठे मंगवाने की लिंक उपलब्ध करवाने वाले है, जिसकी मदद से आप यहां से Rajasthan GK के इन महत्वपूर्ण नोट्स को मंगवाकर पढ़ सकते है। यदि आप इच्छुक है तो इस बुक को जरूर खरीद कर पढ़ें:-

👇👇👇

Disclaimer : यह वेबसाइट केवल Education Purpose यानि शिक्षा के क्षेत्र के लिए सहयोग के उद्देश्य से बनाई गयी Website है। इस पर उपलब्ध पुस्तक/PDF Notes के मालिक हम नहीं है, न ही बनाया गया है और न ही Examined किया गया। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Links एवं स्टडी मटेरियल को प्रदान करते है, यदि किसी भी तरह से हम कानून का उलंघन करते है या फिर कोई भी issue हो तो कृपया हमे Mail करें : Contact Us

♻️यह भी पढ़ें 👇👇

📌भारतीय संविधान एवं राजव्यवस्था Book PDF
📌प्रस्तावना (Preamble) से सम्बंधित प्रश्नोत्तर
📌भारतीय संविधान के अनुच्छेद और अनुसूची 
📌भारतीय संविधान पर विदेशी प्रभाव
📌भारत का संवैधानिक विकास
📌राजस्थान के अब तक के मुख्यमंत्री PDF Download



Telegram GroupJoin Now
www.chicasenred.me sextophd.net